रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: शहरी जीवन में हम लोग इतने रच-बस गए हैं कि, हम अपनी परंपराओं को भी ताक पर रखने लगे हैं। तकनीकी के हम इतने ज्यादा मोहताज हो गए हैं कि, हमारा रहन-सहन और जीने का तरीका सब कुछ बदल गया है। बदलते लाइफस्टाइल की वजह से ही अनजाने में ही हम कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं। कुछ गावों में आज भी पुरानी परंपरा चल रही है। वहां खाना पकाने से लेकर पानी पीने तक के लिए मिट्टी के घड़ो का इस्तेमाल किया जाता है।
आपको बता दें कि, मिट्टी के बर्तन में पानी वाष्पीकरण के सिद्धांत के माध्यम से प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है। घड़े में रखें पानी में जितना ज्यादा वाष्पीकरण होता है उतना ही ज्यादा ठंडा होता है। शहरों में ठंडा पानी पीने के लिए हम लोग फ्रिज पर निर्भर रहते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि, फ्रिज का ठंडा पानी आपकी योनि इम्यूनिटी कमजोर करता है। आईए जानते हैं कि घड़े का पानी पीने के कौन-कौन से फायदे हैं।
गर्मियों में ठंडा पानी पीने की तलब ज्यादा होती है और हम फिर से ठंडा पानी पीते रहते हैं। ठंडा पानी सर्दी जुकाम कर सकता है जोकि कई प्रकार की बीमारियों को दावत देने के लिए काफी है। ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का ताप अचानक से गिर जाता है, जिसके कारण गले का पकड़ना और गले की ग्रंथियां में सूजन आने लगती है। ठंडा पानी शरीर की क्रियाओं को बिगाड़ता है, गर्मी तेज होते ही हम लोग फ्रिज का तेज ठंडा पानी पीने लगते हैं लेकिन आप जानते हैं कि, तेज ठंडा पानी आपकी इम्यूनिटी घटाता है।
घड़े में पानी स्टोर करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। मिट्टी में विषैला पदार्थ सोखने की शक्ति होती है। घड़े का पानी कब्ज से निजात दिलाता है और तो और अगर हमारे देश की 70% जनसंख्या घड़े का उपयोग गर्मियों में करने लगे तो शरीर की 50% बीमारियां अपने आप खत्म हो जाएगी और हमारे समाज में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले परिवारों का विलुप्त होता रोजगार फिर से उड़ान भरने लगेगा।
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