
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: स्वास्थ विभाग की उदासीनता के चलते क्षेत्र में कई मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों का खून खुले आम चूंस रहे हैं। क्षेत्र के पहरेमऊ में शुभम मेडिकल स्टोर संचालक मेडिकल स्टोर की आड़ में पूरा क्लनिक चला रहा है। जहां मरीजों के इलाज से लेकर हर्निया, हाइड्रोसील से ग्रसित मरीजों का आपरेशन तक किया जाता है। इसी तरह थुलवासां में अक्षरा मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा भी मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लनिक चला रहा। वैसे तो थुलवासां चौराहे पर तकरीबन आधा दर्जन ऐसे ही झोलाछाप डॉक्टर मौत की दुकान खोलकर बैठे हैं। कई बार इन झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से मरीजों की मौतें भी हुई, परंतु मरीजों के दफन होने के साथ ही लंबी पहुंच और मोटी रकम के तले सब कुछ दफन कर दिया गया। स्वास्थ महकमा सब कुछ जानबूझकर अनजान बना हुआ है।
आपको बता दें कि, महराजगंज क्षेत्र में कई ऐसे मेडिकल संचालक हैं, जिनके पास लाइसेंस तो मेडिकल स्टोर का है, परंतु उसी की आड़ में क्लिनिक चला रहे हैं। क्षेत्र के पहरेमऊ चौराहे पर स्थित शुभम मेडिकल स्टोर है, यहां मेडिकल स्टोर की आड़ में उसके संचालक सुरेश यादव द्वारा मरीजों के इलाज के साथ ही हर्निया हाइड्रोसील से ग्रसित मरीजों का आपरेशन किया जाता है, लोग भी जानकारी के अभाव में अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा लेते हैं, जहां उन्हें पहले कमीशन पर, फर्जी जांच के नाम पर तो कभी इलाज के नाम पर खुलेआम लूटा जाता है। अंततः मरीज को आराम ना मिलने पर या तो वो स्वयं किसी सही डाक्टर के पास जाता है, या फिर दवा इलाज जांच के नाम पर चार दिन हफ्ता भर लूटने के बाद झोलाछाप द्वारा कहीं और दिखाने की बात कह दी जाती है।
क्षेत्र में ऐसे कई मेडिकल स्टोर संचालक है, जो मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लिनिक चलाकर मरीजों का खून चूंस रहे हैं। समय रहते यदि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन पर लगाम नहीं लगाया गया तो पूर्व की भांति फिर किसी मरीज को मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लिनिक चला रहे झोलाछापों के हाथों अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।
*इनसेट….. झोला छापों के इलाज से पहले भी गई कई जाने:* क्षेत्र के चंदापुर में बीते वर्ष 2 फरवरी को मेडिकल स्टोर संचालक राम प्यारे पाल द्वारा पुरानी बाजार चंदापुर के रहने वाले पवन वैश्य की पत्नी संतोष कुमारी को ग़लत इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत हो गई थी, मामले में संचालक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ था, कस्बा स्थित डी आर सर्जिकल नर्सिंग होम में बीते वर्ष 7 फरवरी को महापतगजं मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला के रहने वाले राम दुलारे यादव की भी नर्सिंग होम के एक कर्मचारी द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से उसकी भी मौत हो गई थी। मामले में संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। ऐसे ही झोला छापों के इलाज से कई मरीजों की जानें गई। कुछ मामलों में तो केस दर्ज किया गया, कुछ में ऊंची पहुंच और मोटी रकम के बल पर मामले को दबा दिया गया।
*इनसेट…..क्या कहते हैं, जिम्मेदार:* मामले में सीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह से इस बाबत बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन किसी एक कर्मचारी द्वारा उठाया गया। फिर उसने सीएमओ से बात कराई, सीएमओ से सवाल किया गया कि, क्षेत्र में मेडिकल स्टोर के सहारे झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे क्लीनिक के मामले में आपका क्या कहना है, तो वो कन्नी काटते नजर आए, और क्षेत्र में होने का हवाला देकर बाद में बात करने की बात कहते हुए फोन काट दिया।