
सार…….
⭕ इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवम्बर को मनाना शुभ फल दायक।
विस्तार……..
सलेमपुर/देवरिया: इस साल गोवर्धन पूजा करने के लिए लोगों में कई तरह की भ्रान्ति पैदा हो गई है। इस बारे में बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि, इस वर्ष गोवर्धन पूजा या अन्न कूट कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि 14 नवम्बर को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 15 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक है।
आपको बता दें कि, आचार्य श्री शुक्ल ने बताया- उदया तिथि 14 नवम्बर को होने के कारण यह पर्व इसी दिन मनाना शुभ फल दायक होगा। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 43 मिनट से सुबह 8 बजकर 52 मिनट तक है। इस दिन गोवर्धन पूजा के लिए शुभ योग बन रहा है।
आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि, पौराणिक कथाओं के अनुसार यह त्योहार जब देवताओं के राजा इन्द्र बृजवासियों पर कुपित होकर लगातार जल वर्षा करने लगे तो भगवान श्री कृष्ण ने इनके घमंड को चूर करने व बृजवासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर लगातार सात दिन उठा कर उनकी रक्षा की। तभी से इस पर्व को भगवान श्री कृष्ण व गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत को बनाया जाता है। उसे फूल मालाओं से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित कर पूजा की जाती है। उसके पश्चात गोबर से बनाये गए गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है। जब सभी लोग पूजन कर लेते हैं तो सभी कुँवारी लड़कियां मिल कर मूसल से इस गोबर से बनाए गए प्रतिमा को कूटती हैं। इसी गोबर को लोग पीड़िया के रुप में अपने अपने घरों में लगा कर पूजन करती हैं।