
सार…….
⭕ कभी भूलकर भी मां लक्ष्मी जी को सफेद रंग के फूल व वस्त्र नही चढ़ाना चाहिए, नही तो अनिष्ट हो जाएगा।
⭕ मां का रूप हमेशा सुहागिन महिला का रहता है।
विस्तार……..
सलेमपुर/देवरिया: इस बार अमावस्या तिथि का शुभारंभ 12 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से हो रहा है, समापन 13 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है।सनातन धर्म में दीपावली की पूजा कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन शाम के समय से रात्रि तक करने का विधान है। इसलिए 12 नवम्बर को दीपावली पर्व मनाया जाएगा।
आपको बता दें कि, आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि, इस दीपावली में पूजन करने का शुभ मुहूर्त नवांश रात्रि 1बजकर 21मिनट से 1 बजकर 36 मिनट तक है। शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 9-17 से दोपहर 12-03 तक दोपहर में 1बजकर 24 मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक व शुभ प्रदोष काल शाम को 4बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक उसके बाद 7 बजकर 35 मिनट से रात्रि पर्यन्त यानि 24:07 मिनट तक रहेगा।
आचार्य ने बताया कि, मां लक्ष्मी जी व गणेश जी के पूजन के लिए सर्वप्रथम स्नानादि करके शरीर पर गंगा जल छिड़ककर पवित्र होने के बाद पूजा अर्चना के लिए स्थान को साफ करके एक चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर लक्ष्मी जी व गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति ही स्थापित करें और शुभ फल प्राप्त करने के लिए हमेशा गणेश जी के दाहिने तरफ ही माता लक्ष्मी जी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए। कभी भूलकर भी मां लक्ष्मी जी को सफेद रंग के फूल व वस्त्र नही चढ़ाना चाहिए, नही तो अनिष्ट हो जाएगा। मां का रूप हमेशा सुहागिन महिला का रहता है।
उन्होंने बताया कि, स्थापना के बाद आचार्य से या स्वंय ही विधिविधान से पूजा अर्चना करें। पूजा के उपरांत मूर्तियों को पवित्र सरोवर या नदी में प्रवाहित करें, जिससे मां लक्ष्मी जी की कृपा पूरे वर्ष प्राप्त होती रहे।