
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: क्षेत्र के गौरी शंकर धाम पारा कला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास अनंत श्रीविभूषित श्रीनारायण स्वामीजी महाराज नैमिषारण्य धाम द्वारा अपने मुखारविंद से विभिन्न प्रसंगों को कथा पंडाल में उपस्थित श्रोताओं के समीप सुनाएं और भगवान श्री कृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया। कथा व्यास ने कृष्ण जन्म कथा के बाद की कथा को आगे बढ़ते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्री कृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मर्दन, माखन चोरी, गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों की कथा के दौरान वर्णन किया।
आपको बता दें कि, श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने बताया कि, भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि, कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं, परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरि नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है। सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से ही कल्याण संभव है। इसके लिए कठिन तपस्या की जरूरत नहीं है।
इस दौरान आयोजक पंडित चंद्रिका प्रसाद शास्त्री, लल्लन पांडेय, राम बिहारी, श्रीराम पांडेय, पप्पू पांडेय, रामू, संजय, धीरज, धनंजय, विनय, पंकज, सचिन, सौरभ, अतुल, विवेक सहित आदि कथा के रस रसिक श्रोता मौजूद रहे।