
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: क्षेत्र के मोन गांव स्थित महर्षि बाबा ओरीदास तपोस्थली प्रांगण में जीव जागरण एवं प्रभु के प्रति भक्ति भावना जगाने के उद्देश्य के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं परम सन्त बाबा जयगुरुदेव महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज महाराज द्वारा 11 जिलों व 108 दिनों की शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ अपने चालिसवें पड़ाव पर गुरुवार की सायंकाल पधारे। यहां स्थानीय लोगों द्वारा काफिला यात्रियों का फूल मालाओं व गाजा-बाजा के साथ भावपूर्ण स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से क्षेत्रीय विधायक श्याम सुंदर भारती भी अपने समर्थकों के साथ संपर्क पंकज जी महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। आज यहां दिन में 11:00 बजे से सत्संग समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की भीड़ उमड़ी।
आपको बता दें कि, अपने सत्संग कार्यक्रम में बोलते हुए पूज्य महाराज जी ने कहा कि, यह सत्संग है, जिसमें किसी देवी-देवता, धर्म व मजहब या फिर किसी व्यक्ति विशेष की निन्दा आलोचना नहीं की जाती। ‘‘सत्संग जल जो कोई पावै, मैलाई सब कटि-कटि जावै।’’ सत्संग से मन चित्त बुद्धि और अन्तः करण की मैल कटती है। जिस प्रकार पारस पत्थर कुधातु को अपने स्पर्श से सोना बना देता है। उसी प्रकार महात्माओं का सत्संग आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के अपराध माफ करके उनके जीवन में विलक्षण सुधार ला देता है।
पंकज महाराज ने कहा कि, रामचरित मानस में महात्मा गोस्वामी ने लिखा है कि ‘‘सठ सुधरहिं सतसंगति पाई, पारस परस कुधातु सुहाई।’’ सत्संग देवी देवता स्वर्ग बैकुण्ठ से परे ऊपरी मण्डलों का सन्देश है कि, भाई हम कौन हैं? हम कहां के रहने वाले हैं? इस जगत में हम किस रास्ते से आये? और मरने के बाद हम कहां जायेंगे? यह मनुष्य मात्र के लिये एक जटिल प्रश्न है। इस प्रश्न का हल जब आत्म ज्ञानी पूरे गुरु मिलेंगे तभी हम जान सकते हैं। जिन्होंने अन्तरी साधना (सुरत शब्द योग मार्ग) के द्वारा अपनी आत्मा को जगाकर परमात्मा का दर्शन कर लिया हो। परमात्मा या खुदा मरने के पहले मिलता है, मरने के बाद नहीं। इसलिये आप पूरे गुरु, मुर्शिद, कामिल की तलाश करो, उनसे रास्ता लेकर खेती दुकान दफ्तर का काम मेहनत ईमानदारी के साथ करते हुये चौबीस घण्टे में समय निकाल कर घण्टे दो घण्टे भगवान का भजन इस मनुष्य मन्दिर में कर लो। इसी काम के लिये यह मनुष्य शरीर हमको आपको मिला है।
उन्होंने कहा- ‘‘तेरे पूजन को भगवान बना मन मन्दिर आलीशान।’’ आश्चर्य की बात तो यह है कि, आप अपने द्वारा ईंट, पत्थर के बनाये हुये मन्दिर मस्जिद को तो पवित्र रखना चाहते हैं और ईश्वर के बनाये इस मनुष्य मन्दिर को पशु-पक्षी का मुर्दा मांस डाल कर गन्दा करते हो। भगवान आप पर कैसे खुश होगा। इसकी भारी सजा मिलेगी। हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अपने 116 वर्ष की आयु तक देश भर में घूम-घूम कर लोगों को शाकाहारी बनाया। करोड़ों लोगों को नशा मुक्त बनाकर उनके हाथों से तलवार बन्दूक तमंचे छुड़ाकर उनके हाथ में भगवान के भजन की माला पकड़ा दी। हम भी उनके आदर्शों व उनके बताये रास्ते पर चलकर, आमजन मानस में प्रभु की भक्ति की प्रेरणा जगाने में लगे हुये हैं। अपना सारा जीवन इसी काम में लगा दूंगा। जीवन में सबसे जरूरी काम है ‘‘भजन’’। भजन कोई गाना बजाना नहीं, कथा कीर्तन नहीं। भजन तो ईश्वरीय वेदवाणी अनहद नाद को सुनने को कहते हैं। इसका भेद पूरे गुरु सन्त महात्मा ही बताते हैं। इस कड़ी में सबसे पहले सन्त कबीर साहब आये फिर तो नानक जी, दादू, दरिया, जगजीवन साहब,उधर राजस्थान में मीराबाई, सहजोबाई आदि अनेकों सन्त आये और जीवों को नाम भेद देकर उनका आत्म कल्याण करते रहे। महाराज जी ने सुमिरन, ध्यान, भजन का रास्ता बताकर विस्तार से समझाया।
पंकज महाराज ने कहा कि, आज शिक्षा है, विद्यालय, कालेज, विश्व विद्यालयों की भरमार है फिर भी युवा पीढ़ी में संस्कारों का अभाव है। संस्कार कोई एमए, बीए की डिग्री, डिप्लोमा लेने से नहीं आता हैं। संस्कार महात्माओं के वचनों से आते है। संस्कार माता-पिता की सेवा, बड़ों के आशीर्वाद से आते हैं। संस्कार के अभाव में आज घर बँट गये, समाज बंट गये, जमीन जायदाद बंट गए। यहां तक कि, मां बाप को भी बांट कर रख दिया कि, भाई! पन्द्रह दिन हम खिलायेंगे और पन्द्रह दिन के लिये तुम लेते जाना। इसलिये आप जब भी सत्संग में आवो तो अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों तक को जरूर लाया करो। यहां देख कर, सुनकर सेवा करके वह सब सीख जायेंगे और शराब ताड़ी गांजा, भांग की लत भी महात्माओं की सोहबत से छूट जायेगी और वे ही अच्छे इन्सान बन जायेंगे और हमारा पूरा समाज अच्छा बन जायेगा। ‘‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती, चलहिं सुधर्म, निरत श्रुति नीती।’’ यह उसकी पहचान होगी।
पंकज महाराज ने कहा कि, आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आगरा-दिल्ली बाई पास स्थित जयगुरुदेव मंदिर मथुरा में पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल महाराज ‘दादा गुरूजी’ का 75वां वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला आयोजित होगा। आप से अपील है कि, समय निकालकर पावन पर्व पर जयगुरुदेव आश्रम मथुरा पधारें। दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा।
इस अवसर पर संगत रायबरेली अध्यक्ष प्रतिनिधि सतीश कुमार सिंह, ब्लाक अध्यक्ष छोटे लाल गौतम, रामू सिंह, चन्द्र कुमार सिंह, सन्तराम मौर्य, जगदीश, सन्त शरण, संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, जयगुरुदेव आश्रम के प्रबन्धक सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विजय पाल सिंह, उपदेशक राजेश पाल, अनूप कुमार सिंह, उपदेशक डा0 कुंवर बृजेश सिंह आदि उपस्थित रहे।
सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव जागृति इण्टर कालेज ग्राम कुकहा रामपुर ब्लाक सिंहपुर तहसील तिलोई के लिये प्रस्थान कर गई। जहाँ कल 7 अक्टूबर को दिन के 11 बजे से सत्संग कार्यक्रम निर्धारित है।