
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: इन दिनों चल रहे वायरल बुखार को लेकर कस्बे के हैदरगढ़ रोड पर स्थित महावीर स्टडी इस्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज के प्रबंधक अवधेश बहादुर सिंह ने आज कॉलेज पहुंचकर बच्चों का फीवर चेक कराया तथा स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के लिए जागरूक किया।
आपको बता दें कि, कॉलेज के प्रबंधक अवधेश बहादुर सिंह ने बच्चों को कुछ घरेलू नुक्से बताए। उन्होंने कहा कि, तुलसी की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है। जिससे वायरल फीवर को रोकने में मदद मिलती है। आप तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल लें और उसे छान लें। गुनगुना होने पर इस पानी को पिएं। आपको आराम मिलेगा। इसके अलावा अदरक भी सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक होता है। आप अदरक का पेस्ट बना लें और इसमें थोड़ा शहद डालें। फिर इसका सेवन करें, चाहें तो आप अदरक को पका कर भी खा सकते हैं। इसके साथ ही दालचीनी खाने से भी गले के दर्द, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। आप एक कप पानी में एक छोटी चम्मच दाल चीनी पाउडर मिला लें। इस पानी को उबाल लें, फिर इसे छान लें। गुनगुना होने पर इस पानी को पी लें। यह सभी उपचार करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।
कॉलेज के प्रधानाचार्य कमल वाजपेई ने बच्चों को बताया कि, बिना हाथ धोएं अपने चेहरे मुंह और नाक को छूने से परहेज करें। जिस व्यक्ति के फीवर हो वह व्यक्ति छीकने या उबासी लेते समय मुंह को रूमाल या मास्क से ढके। वायरल फीवर इनफ्लुएंजा वायरस की वजह से फैलता है, जबकि डेंगू का संक्रमण एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। उन्होंने बच्चों को मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी।
कमल वाजपेई ने बताया कि, उनके विद्यालय महावीर स्टडी इस्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज में प्रतिदिन सवेरे सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग होती है तथा हाथों को 70% अल्कोहल से सेनीटाइज किया जाता है। उन्होंने बताया कि, कॉलेज प्रबंधक के द्वारा निरीक्षण के दौरान कोई भी बच्चा बुखार से पीड़ित नहीं पाया गया। प्रबंधक ने बच्चों से गांव में तथा अपने आसपास रहने के स्थान पर सफाई रखने की बात कही, और यह भी कहा कि, कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। यदि बुखार हो तो उसे नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाकर चेक कराए। उन्होंने सभी बच्चों को स्वास्थ्य के महत्व के विषय में बताया कि, स्वास्थ्य ही सर्वोपरि सुख है। कॉलेज बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग एवं सचेत रहता है। कोरोना कल में भी उन्होंने सभी बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा। कॉलेज में बच्चों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर कॉलेज पहले बच्चों का इलाज करने के बाद अभिभावकों को इसकी सूचना देता है।