
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: कोतवाली क्षेत्र के इन्हौना रोड पर डेपार मऊ और खेरवा गांव के बीच सड़क के किनारे बने एक मकान को छूता हुआ सफेद का पेड़ भर भरा कर जमीन पर गिर गया। जिससे ग्रहस्वामी और परिवार के सदस्य बाल बाल बच गए। मामले में भुक्त होगी परिवार के एक सदस्य मोहम्मद शादाब पुत्र मोहम्मद वसीम का आरोप है कि, यह दुर्घटना अगर वास्तव में घट जाती तो पूरा मकान भर भरा कर गिर जाता, जिससे जन धन की हानि हो सकती थी।
आपको बता दें कि, डेपार मऊ से खेरवा के बीच, सड़क के किनारे मोहम्मद शादाब का मकान स्थित है। मकान से मिलकर तीन पेड़ सफेदा और एक पेड़ शीशम के उगे हुए हैं, या फिर वन विभाग द्वारा लगाए गए हैं। चारों पेड़ काफी बड़ा आकार ले चुके हैं। मोहम्मद शादाब का कहना है कि, जब-जब आंधी तूफान चलता है यह पेड़ उसके घर की ओर झुकते रहते हैं। इनके किसी भी समय उनके मकान पर गिरने की संभावना बनी रहती है।
इस मामले को लेकर उसने संपूर्ण समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस से लेकर वन विभाग के उच्च अधिकारियों, मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायत कर गुहार लगाई। यही नहीं उसकी फरियाद पर डीएफओ ने क्षेत्रीय वन दरोंगा व रेंजर को मौके पर भेजो। लेकिन जांच कार्यवाही में लीपापोती करके अधिकारियों ने उल्टी रिपोर्ट डीएफओ को प्रेषित कर दी, फल स्वरुप पेड़ नहीं काटे। जिसका अंजाम यह हुआ कि, सोमवार को भारी बारिश के दौरान सफेदा का एक पेड़ भहरा कर गिर गया, जिससे मकान को आंशिक नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।
पेड़ गिरने से खौफ जदा परिवार ने रात में घर में नहीं सोया, भुक्तभोगी मोहम्मद सादाब ने जिले की न्याय प्रिय जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से मांग की है कि, मौके पर राजस्व विभाग की टीम भेज कर जांच कराई जाए। अगर जांच में उसकी बातें सच साबित होती हैं, तो वन विभाग को निर्देश दिया जाए कि, जानलेवा इन पेड़ों को कटवाया जाए।