
सार……..
⭕ मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति, आत्महत्या महापाप-शिवानी जैन एडवोकेट।
विस्तार………..
सत्यप्रकाश मिश्र
रायबरेली: आंल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ ने कहा कि, 10सितंबर का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य आत्महत्या करने वाले लोगों की जान बचाना है। आत्महत्याओं को रोकने के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से प्रति वर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
आपको बता दें कि, गौ भक्त डॉ एच0सी0 अंजू लता जिला संरक्षक भारतीय गौ रक्षा संगठन ने कहा कि, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में अकेलेपन, अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। यह समस्या एक महामारी का रूप धारण कर रही है। लोग बहुत सी वजहों से आत्महत्या करते हैं। अगर समय पर पेशेवर सहायता मिल जाए या दोस्त, परिवार वाले समय पर मदद करें तो आत्महत्या के मामले कम किए जा सकते हैं। पिछले साल दुनिया में 8 लाख लोगों ने आत्महत्या की। हमारे देश में 16433 लोगों ने आत्महत्या करके अपनी जान गंवाई।
प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य एवं मां सरस्वती शिक्षा समिति प्रबंधक डॉ एच0सी0 विपिन कुमार जैन ने कहा कि, भारत में अब भी आत्महत्या रोकथाम को लेकर जागरूकता की कमी है और सरकार की तरफ से इस ओर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। इस दिवस को मनाने का महत्व यह है कि, दुनिया में आत्महत्या की बढ़ती संख्या को रोकने और इसके प्रति लोगों को और जागरूक करने के लिए वर्ष 2003 से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ द्वारा 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय हिंदू महासभा भारत के प्रदेश अध्यक्ष सुनील, थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, शालू सिंह एडवोकेट, सुनीता, मां सरस्वती शिक्षा समिति संरक्षक राकेश दक्ष एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, सागर उपाध्याय एडवोकेट, निर्देशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉ राजेंद्र कुमार जैन, इं कपिल शर्मा,आदि ने कहा कि, ऐसे में यह दिवस आत्मघाती विचारों से मुकाबला करने, अपनी और दूसरों की सहायता करने, उन्हें इससे बाहर निकाल कर इन आंकड़ों को कम करने या खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आत्महत्या करने वाले को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर मिलने से अकेलापन और दबी हुई नकारात्मक भावनाओं से राहत मिल सकती है और आत्महत्या के प्रयास को रोका जा सकता है। उन्होंने जन-जन से आवाहन किया कि, आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।