
सार……..
⭕ 11 सितंबर से सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान का दूसरा चरण।
⭕ पहले चरण में लक्ष्य से अधिक बच्चों का हुआ टीकाकरण।
⭕ दूसरे चरण में 11,499 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य।
विस्तार……..
रजनीकांत अवस्थी
रायबरेली: जनपद में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे हुए पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान तीन चरणों में चलाया जा रहा है। जिसका पहला चरण सात से 12 अगस्त तक चला था। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक चलाया जाएगा।
आपको बता दें कि, इसी क्रम में बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित हुई। प्रेस वार्ता में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेंद्र सिंह ने कहा कि, मिशन इंद्रधनुष 5.0 के पहले चरण में शून्य से पाँच साल् तक की आयु के 13,103 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 14,476 बच्चों का टीकाकरण किया गया। इसी तरह 3376 गर्भवती को टिटेनस एवं वयस्क डिप्थीरिया( टीडी) का टीका लगाने का लक्ष्य था जिसके सापेक्ष 3994 गर्भवती को टीका लगाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि, पहले चरण में हमने लक्ष्य से अधिक बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण किया है। यही सफलता हमें दूसरे चरण में भी दोहरानी है। उन्होंने समुदाय से अपील की है कि, सभी अभिभावक अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। इसके साथ ही छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराएं और उसके बाद ऊपरी आहार देना शुरू करें। माँ का दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, बच्चे को स्तनपान कराने के बाद पीठ पर थपकी देकर डकार अवश्य दिलाएं।
इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि, आईएमआई अभियान में 6.2 लाख घरों का सर्वे किया गया। जिसके तहत जनपद में आईएमआई के दूसरे चरण में पेंटा/डीपीटी 1 के 2243, बच्चे, पेंटा/डीपीटी 2 के 2268, पेंटा/डीपीटी 3 के 2253, एमआर-1 के 2531, एमआर- 2 के 2204 बच्चों को और 2899 गर्भवतियों को टीडी का टीका लगाने का लक्ष्य है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी0 एस0 अस्थाना ने जानकारी दी कि, अभियान में ‘पाँच साल-सात बार’ टीकाकरण पर ज़ोर देते हुए जन्म से पांच साल तक बच्चे किसी भी टीका से वंचित न रहे, इस पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि, समुदाय में लोगों को इस बात के लिए जागरूक करें कि, टीका पूरी तरह सुरक्षित है। टीका न लगवाने से ऐसी बीमारी की गिरफ्त में बच्चा आ सकता है जो कि बच्चे को दिव्यांग बना सकती है और कभी कभी बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। इसके साथ ही बच्चे को टीका न लगवाने के कारण कोई बीमारी हो गई तो घरवाले बच्चे को लेकर अस्पताल जाएंगे जहां पैसा तो खर्च होगा ही शरीरिक और मानसिक रूप से भी लोग परेशान होंगे। इसलिए बच्चा और परिवार खुश रहे तो बच्चे का टीकाकरण अवश्य कराएं।
इस अवसर पर शहरी क्षेत्र के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार यादव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अंजली सिंह, यूनिसेफ की डीएमसी वंदना त्रिपाठी, सहाना जमीर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ छोटेलाल, डॉक्टर शरद कुशवाहा, वीरेंद्र यादव और सीफॉर के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।