
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: कस्बे के हैदरगढ़ रोड पर स्थित महावीर स्टडी इस्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज के बच्चों ने अपने नन्हे नन्हे हाथों से निष्प्रयोज्य सामान से बहुत ही सुंदर-सुंदर राखियां बनाई और उन राखियों को इकट्ठा करके यह राखियां डॉक के माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात भारतीय जवानों को भेजी गई। इसके उपरांत मेहंदी प्रतियोगिता हुई। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
आपको बता दें कि, कॉलेज के प्रधानाध्यापक कमल वाजपेई ने बताया कि, उनके विद्यालय अध्यापकों की देख रेख में राखी प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें प्रमुख रूप से तृप्ति, आरोही, शानवी, रुही, आर्या, दिव्यांशी, आकृति, सृष्टि, रुद्र, आराध्या, जान्हवी, प्रशांत, अवनी, अलजुबेरिया, आक्सा, आदर्श, रुद्र, आर्यन, शाश्वत, आराध्या, वंश, युग, अंजलि, प्रांसी, आदित्य, संस्कार, नैतिक, मनु, इजान, अर्पित, प्रांजल, लक्ष्य, आरोही, अंशिका, तनु, अदिति आर्य, वेदिका, आक्शा के अलावा अंचिता, भूमि, आलोक, ऋतिक, आवेग, दीपांशी, मयंक, वैष्णवी, अभिज्ञान, आलीना, कृतिका, आस्था, आस्तिव, संस्कार, नव्या, छवि, साक्षी, शुभी, भावेश, संस्कार, साक्षी, शगुन, कृतिका शीवी, ईरम, आकांक्षा, आदित्य, आकशान, आदर्श, प्रतीक, अंशिका, स्वाती, अभय, आवेज, आहद, श्रुति, आरव, मंजरी, स्नेहा, आयुष, रिमझिम, शिवम, शिखा, नंदिनी, राज, पारुल, सरफराज, तन्मय, शिवम, सुधांशु, अश्वनी, गरिमा, कीर्ति, सोनम, कृति, दिव्यांशी, सपना, जानवी, अमन, अजीत, अनुभव नहीं बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
वहीं मेहंदी प्रतियोगिता में सृष्टि, श्रुति, कीर्ति, सोनम, दिव्यांशी, कृति, स्नेह, अनुष्का, आराध्या, श्रुति, आदित्य, आदर्श, अंशिका, आयशा, जोया, जीविका, शुभी, भूमि, अभिज्ञान, दिव्यांशी, तनु, आदित्य, अंशिका, अर्पित, आरोही, स्नेहा अक्स द्वारा आकर्षक मेहंदी लगाकर स्वच्छ भारत, ग्रीन इंडिया, एवं क्लीन इंडिया का संदेश दिया।
इस अवसर पर सभी बच्चों के द्वारा लगाई गई आकर्षक मेहंदी को विद्यालय के प्रधानाचार्य कमल बाजपेई ने देखा और बच्चों की कला की भरपूर प्रशंसा करते हुए सभी को प्रोत्साहित किया, तथा रक्षाबंधन की शुभकामना दी, और इस त्यौहार के महत्व को विस्तार से बताया।
कमल वाजपेई ने रक्षाबंधन त्यौहार के विषय में बच्चों को बताया कि, नारद मुनि ने मां लक्ष्मी से राजा बलि को अपना भाई बनाने की सलाह दी और उनसे उपहार में विष्णु जी को मांगने को कहा। बंधन को प्रसाद मानते हुए राजा बलि के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा, तभी से इस प्रथा की शुरुआत हुई।
श्री वाजपेई ने बच्चों को बताया कि, भगवान कृष्ण को एक बार उंगली में चोट लगी, जिससे द्रौपदी ने अपनी साड़ी के टुकड़े को फाड़कर भगवान कृष्ण की उंगली में बंधा। इसके अलावा रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूं में रक्षाबंधन मध्यकाल में हुआ था। जिसके फलस्वरुप राजपूत व मुसलमानों के बीच युद्ध की समाप्ति हुई। हुमायूं ने रक्षाबंधन का सम्मान किया था।
प्रधानाचार्य ने कहा कि, ऐसे त्यौहार बच्चों की क्रियाकलाप उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं, तथा सेना के जवानों के प्रति सम्मान एवं भाईचारे की डोर मजबूत होती है।
इस अवसर पर गिरिजा शुक्ला, नीरू, मंजू, अनुपम, लक्ष्मी, ज्योति, सरिता, शालिनी, साधना, फातिमा, ज्योति सिंह, राजीव मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव, अनिमेष मिश्रा, सुरेंद्र, आलोक, अभिषेक, अमित सिंह, दिलीप, सुमन बहादुर, निखिल, शिवानी, राधा, रुचि सहित सभी शिक्षक एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहा।