
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: क्षेत्र के महराजगंज हैदरगढ़ रोड पर स्थित महावीर स्टडी इस्टेट सीनियर सेकेंडरी कॉलेज में हॉकी के जादूगर की जयंती खेल दिवस के रूप में मनाई गई। प्रार्थना सभा में प्रधानाचार्य कमल बाजपेई ने बच्चों को बताया कि, हॉकी के जादूगर ध्यानचंद का जन्म प्रयाग में पिता रामेश्वर दत्त सिंह, माता शारदा सिंह के घर में हुआ था। ध्यानचंद ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में मेजर की नौकरी की। इन्होंने अपनी कप्तानी में लगातार स्वर्ण पदक दिलाए।
आपको बता दें कि, हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। हॉकी का जुनून इस कदर था कि, यह रात में चंद्रमा की रोशनी में स्टेडियम में अकेले स्टिक तथा गेंद से खेला करते थे। दोस्तों ने ध्यान सिंह के बदले इनका नाम चंद्रमा की रोशनी में खेलने के कारण ध्यानचंद्र रख दिया।
प्रधानाचार्य श्री वाजपेई ने बताया कि, एडोल्फ हिटलर ने इन्हें जर्मनी की तरफ से प्रलोभन दिया कि, आप मेरे देश से खेल खेले, लेकिन इस स्वाभिमानी व्यक्ति ने अपनी मिट्टी अपने देश से ही खेलना चाहा तथा उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
बताते हैं कि, उनकी खेल प्रतिभा ऐसी थी कि, बाल स्टिक से हटती ही नहीं थी। लोगों को लगा कि, स्टिक में चुंबक लगा है अतः उनकी स्टिक तोड़कर देखा गया। एक बार गोल मारा तो गोल बाहर चला गया। इन्होंने गोल का साइज नापने को कहा तो वह छोटा निकला। सभी लोग इनको हाकी का जादूगर नाम से पुकारते थे।
आज कॉलेज के खेल अध्यापक दिलीप गुप्ता ने भी ध्यानचंद पर तथा खेल भावना पर प्रकाश डाला और राष्ट्रीय खेल दिवस पर बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल खेलने हेतु सभी को प्रांगण में बुलाया, वहां पर बच्चों का बैडमिंटन, वॉलीबॉल, सटल रन तथा खो-खो प्रतियोगिता दिलीप तथा रामविलास एवं अध्यापकों के सहयोग से संपन्न हुई।
कमल वाजपेई ने एक कविता गुनगुनाया उन्होंने कहा कि-
⭕ “याद करें हम ध्यानचंद को विश्व पटल पर खेली हांकी”
⭕ याद करें हम ध्यानचंद को विश्व पटल पर खेली हांकी”
⭕ “दुनिया बोली जादूगर थे टीम विरोधी धूल थी फांकी”
⭕ “नमन तुम्हें मेजर जी मेरा खेल भावना हमें सिखा दी”
⭕ “खेल तुम्हारा आकर्षण था प्रेमी बोले हांकी-हांकी” “दुनिया बोली जादूगर थे टीम विरोधी धूल थी फांकी”
⭕ “नमन तुम्हें मेजर जी मेरा खेल भावना हमें सिखा दी”
⭕ “खेल तुम्हारा आकर्षण था प्रेमी बोले हांकी-हांकी”
इस मौके पर गिरिजा शुक्ला, राजीव मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव, अनिमेष मिश्रा, सुरेंद्र प्रजापति, मंजू सिंह, सरिता मिश्रा, अनुपम सिंह, लक्ष्मी सिंह, सुमन बहादुर, राज किशोर पाल, सुमन बहादुर, अभिषेक राज त्रिपाठी, आदर्श शुक्ला, ज्योति जयसवाल, ज्योति सिंह, फातिमा, साधना सिंह, रुचि सिंह, शिवानी वर्मा, गर्विता सिंह, दिलीप गुप्ता, आलोक यादव, निखिल शुक्ला सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहा।