
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: क्षेत्र गांव मऊ सर्की के पास डीह डिवाई नहर पर आवा गमन के लिए बना पुल जो पहले से काफी जर्जर था आज दोपहर 3:00 बजे पुल पर से ट्रैक्टर ट्राली गुजरने के दौरान स्लैब भरभरा कर गिर गई। ट्रैक्टर तो पुल पार कर चुका था, किंतु ट्रॉली स्लेब समेत नहर में गिर गई। जिससे हड़कंप मच गया। ट्रैक्टर चालक ने जैसे तैसे कूद कर अपनी जान बचाई, लेकिन पुल के टूट जाने से आवागमन अवरुद्ध हो गया है। यह गनीमत रही की कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटित हुई। पुल के इस तरह ढह जाने से आम जनता में आक्रोश व्याप्त हो गया है। लोगों ने शासन से मांग की है कि, ध्वस्त हुए पुल की जांच कराई जाए, तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। टूटे हुए पुल के स्थान पर नए पुल का निर्माण भी जल्द शुरू कराया जाए।
आपको बता दे कि, डीह डिवाई रजवाहा जौनपुर से निकलती है। मऊ सर्की गांव के पास सिंचाई विभाग द्वारा एक पुल का निर्माण दशकों पूर्व कराया गया था। इस पुल से मऊ गर्वी, मऊ सर्की होते हुए पूरे हनुमत सिंह, ताजुद्दीनपुर, टीसा खानापुर, चंद्रापुर, मुरैनी आदि गांव के लोग वाहनों से व पैदल आते जाते रहते हैं। पुल पिछले काफी दिनों से जर्जर बताया जा रहा था, इस मामले में ग्रामीणों संतबक्स सिंह चौहान, राजेश सिंह, रामशरन सिंह, मनोज कुमार पांडेय, राजकुमार सिंह उर्फ मोंगा, अजीत प्रताप सिंह, रामदास, शिवनिहोर, आनंद, रामपाल, देवी दीन आदि लोगों ने समय-समय पर शासन के उच्चाधिकारियों को अवगत करा रखा था। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों की आक्रमणता की वजह से न तो जर्जर पुल ठीक कराया जा सका और न ही उसके स्थान पर किसी नए पुल का निर्माण किया जा सका।
घटना रविवार अपराह्न 3:00 बजे की है। गांव के ही रहने वाले ओम प्रकाश सिंह उर्फ भोलू क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि का ड्राइवर ट्रैक्टर ट्राली लेकर जैसे ही पुल पर से गुजरा ट्रैक्टर तो आगे निकल गया, किंतु ट्रॉली भरभरा कर स्लैप के साथ नहर के बीचो-बीच जा गिरी, जिससे हड़कंप मच गया। चारों ओर पुल के ध्वस्त हो जाने और नहर में ट्राली गिर जाने की खबर फैल गई। यह सुनकर मौके पर सैकड़ो लोग इकट्ठा हो गए। सबके जवान पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और आक्रमणता की चर्चा थी।
अब पुल के ध्वस्त हो जाने से क्षेत्र के लगभग 50,000 लोगों के आवागमन के लिए समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण ने जिलाधिकारी से मांग की है कि, जर्जर होकर ध्वस्त हुए पुल की जांच करवा कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए, और तत्काल में ग्रामीणों के आने-जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराकर ध्वस्त हुए पुल के स्थान पर नए और मजबूत पुल का निर्माण कराया जाए।