
रजनीकांत अवस्थी
रायबरेली: उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली तरुण सक्सेना के दिशा-निर्देशन में जिला कारागार, रायबरेली में निरुद्ध बंदी के देख-रेख, खान पान, रहन-सहन तथा लीगल ऐड क्लीनिक एवं बन्दियों के हितों से संबंधित मामलों के संबंध में उमाशंकर कहार अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा निरीक्षण किया गया।
आपको बता दें कि, इस दौरान अपर जिला जज/सचिव ने प्रभारी जेल अधीक्षक एस0बी0 सिंह से जेल के अंदर कैदियों की स्थिति व रखरखाव के बाबत जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण में कुल 1266 बन्दी निरुद्ध बताये गये। अपर जिला जज/सचिव ने जेलर को महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल कराने तथा उन्हें समय से दवा आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। अपर जिला जज/सचिव ने बंदियों से बात कर उनकी परेशानियों, विधिक समस्याओं एवं जेल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली।
सचिव ने बंदियों को बताया कि, जेल में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वह जेल में स्थापित लीगल ऐड क्लीनिक के माध्यम से विधिक मदद ले सकते है। निरीक्षण के दौरान जिन बंदियों ने यह बताया कि, उनके मुकदमे की पैरवी हेतु अधिवक्ता नहीं है उन्हें यह सुझाव दिया गया कि, वह जेल अधीक्षक के माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली को भेज दे।
जेल में बंद तीन विदेशी बन्दियों से भी उनके स्वास्थ्य, खानपान व विधिक सहायता के बारे में जानकारी ली गयी। निरीक्षण में उपकारापाल कुँवर वीरेंद्र विक्रम सिंह, उपकारापाल इन्द्रमणि शुक्ल, धर्मपाल व पराविधिक स्वयं सेवक मनोज कुमार प्रजापति उपस्थित रहे।