
रजनीकांत अवस्थी
रायबरेली: जनपद में 10 अगस्त से फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराये जाने के लिए सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा सेवन करवा रहे हैं। इसी क्रम में विकासखंड सताव के गांव सराय मुबारक का आशा आनंदपुर मोहल्ले में 25 घर में लगभग 110 लोग रहते हैं हैं जहां पर बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और एक साल से छोटे बच्चे तथा जो व्यक्ति घर में उपस्थित नहीं थे को छोड़कर सभी ने दवा का सेवन किया। यह जानकारी आशा कार्यकर्ता आशा बहू मान देवी ने दी।
आपको बता दें कि, आशा बहू मान देवी ने बताया कि, पिछले साल चले आईडीए अभियान में इस क्षेत्र में लगभग तीस फीसद लोगों ने दवा का सेवन किया था, जबकि इस इस बार लगभग 65 फीसद लोगों ने अब तक फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया है। यह संभव हुआ है गांव में रहने वाली 60 वर्षीय फाइलेरिया रोगी राम श्री के प्रयास से।
रामश्री ने आईडीए अभियान के शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले क्षेत्र में सामुदायिक बैठक की और लोगों को बताया कि, 20 साल से वह फाइलेरिया से पीड़ित हैं जिसके कारण उनका दायाँ पैर प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से उन्हें अपने जीवन में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वह समाने जीवन नहीं जी पा रही हैं। उन्हें न तो फाइलेरिया रोधी दवा की जानकारी थी और न ही उन्होंने इस दवा का सेवन किया। जिसके कारण उन्हें फाइलेरिया के साथ जीना पड़ रहा है। आप लोगों को तो फाइलेरियारोधी दवा घर पर ही मिलेगी। इसलिए लापरवाही न बरतें। क्या आपभी चाहते हैं कि आपको या अपपके बच्चों को यह बीमारी हो। उनकी इन बातों ने लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डाला इसके साथ ही वह मेरे साथ घर घर भी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने गईं जिसका ही परिणाम है कि मेरे इस क्षेत्र में लगभग 90 फीसद लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर लिया है।
रामश्री बताती हैं कि, फाइलेरिया रोग यह कैसे होता है और इसका क्या बचाव है, यह सब स्वयंसेवी संस्था सीफॉर के भैया से पता चला था। उन्होंने गाँव में एक बैठक की थी, जिसमें हम भी शमिल हुए थे। उन्होंने इस गाँव के फाइलेरिया रोगियों का एक प्लेटफ़ॉर्म भी बनाया जिसमें हमारे जैसे और भी फाइलेरिया के मरीज हैं। इसके साथ ही उन्होंने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में बताया था। उनकी बात सुनने के बाद ही हमने सोच लिया था कि, हम प्रयास करेंगे कि, हमारे क्षेत्र में सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर लें।