
सार………
मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस अगर गहनता से छानबीन करे तो कुछ राजनीतिक विरोधी चर्चित और बड़े चेहरे तथा जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह बेनकाब हो सकते हैं।
विस्तार……..
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: अगर पुलिस किसी मामले को लेकर ठान ले तो कोई भी मामला असंभव नहीं है, हर मामले की गुत्थी आसानी से सुलझा सकती है। यह वाकया लागू होता है महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के चंदापुर चौकी इंचार्ज आशीष मलिक के बारे में, जिन्होंने पत्रकार शिवाकांत अवस्थी का चोरी हुआ एंड्राइड मोबाइल जोकि 28 जून 2023 को चोरी हुआ था, उसे बृहस्पतिवार 3 अगस्त 2023 को बरामद कर लिया। जिसके पास से मोबाइल बरामद हुआ है वह कोई ऐरा गैरा नहीं बल्कि महराजगंज ब्लॉक के पारा कला गांव के प्रधान पुत्र हैं, जिनके पास से मोबाइल की बरामदगी की गई है। पुलिस पता लगा रही है कि, इस मोबाइल की चोरी में किस-किस का हाथ है। पुलिस मामले में सक्रिय हो चली है।
आपको बता दें कि, मऊ गांव के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार शिवाकांत अवस्थी का एंड्राइड मोबाइल विगत 28 जून को उनके आवास से चोरी चला गया था, जिसकी सूचना पत्रकार ने 29 जून को कोतवाली महराजगंज में दी थी। कोतवाली पुलिस ने पत्रकार शिवाकांत अवस्थी को यह कहते हुए शांत कर रखा था कि, हम आपका मोबाइल ढूंढ कर ही चैन की सांस लेंगे। पुलिस की कार्यवाही चलती रही, शिवाकांत अवस्थी पल-पल की अपडेट रोजाना थाने से लेते रहे।
विगत 3 अगस्त को अचानक दरोगा आशीष मलिक जोकि चंदापुर चौकी के इंचार्ज भी हैं, उन्होंने शिवाकांत को फोन पर सूचना दी कि, आपका मोबाइल मिल गया है, थाने आ जाइए। तब पत्रकार थाने पहुंचे।
पुलिस का कहना है कि, मोबाइल शिवगढ़ थाना क्षेत्र के पारा कला गांव के प्रधान हरिशंकर के पुत्र दीपक के पास से मिला है, जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि, यह मोबाइल उसने पड़ोसी गांव जमुरवां के रहने वाले बबलू पुत्र छिट्टन से खरीदा है, जिस पर पुलिस ने जमुरवां पहुंचकर आरोपी बबलू को पकड़ लिया और थाने ले आई। थाने में पूछताछ के दौरान बबलू ने बताया कि, उसे यह मोबाइल ज्योना गांव के रहने वाले राजू वनमानुष से मिला है, जो थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस राजू बनमानुस को तलाशने के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है, लेकिन भनक लगते ही आरोपी राजू वनमानुष भाग निकलता है।
बरामद हुए मोबाइल में लगा मेमोरी कार्ड और कई गोपनीय सूचनाएं आरोपियों द्वारा हटा दी गई हैं। पुलिस का कहना है कि, मामले में सभी आरोपियों को बैठाकर पूछताछ की जाएगी, तब पता चलेगा कि, मोबाइल क्यों और कैसे चुराया गया। इसमें असली मास्टरमाइंड कौन है।
उधर पत्रकार शिवाकांत अवस्थी ने उप निरीक्षक आशीष मलिक के प्रयासों की सराहना करते हुए जनपद के पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी महराजगंज से मांग की है कि, मामले में जांच करवा कर पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश कराने की कार्यवाही करें, मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस अगर गहनता से छानबीन करे तो कुछ राजनीतिक विरोधी चर्चित और बड़े चेहरे तथा जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह बेनकाब हो सकते हैं।