
सार………..
⭕ मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी ने सम्भाला मोर्चा, 21 जुलाई को मध्य प्रदेश की अपनी दूसरी सभा में ग्वालियर-चम्बल के क्षेत्र की जनता को करेंगी सम्बोधित।
⭕ सभा की तैयारियाँ ज़ोरों पर, लगभग 1 लाख लोग पहुँचेंगे सभा में।
⭕ ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण।
⭕ विपक्ष के मोर्चे I.N.D.I.A. की दहाड़ भी सुनाई देगी सभा में।
⭕ चुनावी मोर्चे पर प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की मशीनरी को दे रही हैं टक्कर।
विस्तार……..
मध्य प्रदेश: हिंदी पट्टी महत्वपूर्ण प्रदेश और भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में जनता का दिल जीतने के लिए कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी मैदान में हैं। ग़ौरतलब है कि, प्रियंका गांधी ने जून महीने में जबलपुर में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। प्रियंका गांधी ने इस सभा में महिलाओं के लिए प्रतिमाह 1500रु देने की घोषणा की थी। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार की धार देखने को मिली, ख़ासकर महिला मतदाताओं से कनेक्ट बनाने के लिए प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आपको बता दें कि, कर्नाटक में कल ही कांग्रेस ने महिलाओं को प्रतिमाह 2000रु देने की शुरुआत की। मध्य प्रदेश में इस योजना को महिलाओं तक पहुँचाने में प्रियंका गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
*महिलाओं के साथ-साथ दलित-आदिवासी वोटर्स में प्रियंका गांधी की लोकप्रियता:* जब प्रियंका गांधी ने जबलपुर से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की उस समय आदिवासी वोटर्स की दृष्टि से इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण माना गया। जिस समय भाजपा भी आदिवासी व दलित वोटर्स को रिझाने में जुटी है, उस समय प्रियंका गांधी की दलित-आदिवासी वोटर्स के बीच लोकप्रियता को कांग्रेस की दृष्टि से ख़ास माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में दलितों-आदिवासियों के ऊपर लगातार हो रही अत्याचार की घटनाओं के बीच प्रियंका गांधी के सरकार पर हमले को दलितों-आदिवासियों के लिए न्याय की बेबाक़ आवाज़ के रूप में देखा जा रहा है।
*ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र: सिंधिया की भाजपा में एंट्री और कांग्रेस की हुंकार:* ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में कांग्रेस की महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रियंका गांधी की सभा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। 2018 के चुनावों में कांग्रेस को चंबल क्षेत्र में अच्छी सीटें मिली थीं। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई विधायकों द्वारा पाला बदलने के चलते कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा था। अब ग्वालियर के मेला ग्राउंड से प्रियंका गांधी की हुंकार ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में चुनावी नतीजों की हवा बनाने में काफ़ी प्रभावी होगी।
*प्रियंका गांधी की पहली सभा से ही बदला था माहौल: भाजपा डैमेज कंट्रोल मोड में:* प्रियंका गांधी की पहली सभा ने भाजपाई ख़ेमे में हलचल मचा दी थी। सभा के ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के लिए प्रतिमाह सहायता की एक स्कीम आनन फ़ानन में जबलपुर से ही लाँच की थी। प्रियंका गांधी की सभा में बदलती हवा के बाद शिवराज सिंह ने महिलाओं को मिलने वाली सहायता राशि को और बढ़ाने की घोषणा करनी पड़ी थी।
ठीक इसी तरह से प्रियंका गांधी की सभा के बाद भाजपा सरकार की छवि पर घोटालों व बेरोज़गारी को लेकर पर भी डेंट लगना शुरू हुआ।
*विपक्ष के मोर्चे I.N.D.IA. की दहाड़ भी सुनाई देगी सभा में:* विपक्षी पार्टियों द्वारा गठित मोर्चा Indian National Developmental Inclusive Alliance के गठन को चुनावी लिहाज़ से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोर्चे के गठन के बाद यह कांग्रेस पार्टी की पहली चुनावी सभा होगी और रणनीतिक दृष्टि से मध्य प्रदेश कांग्रेस व Indian National Developmental Inclusive Alliance के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है। प्रियंका गांधी की ग्वालियर चम्बल में दहाड़ और सकारात्मक एजेंडा सेट करने की कुशलता से मोर्चे के लिए एक आशावान तस्वीर बनेगी।
*प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव अभियान की धार कम करने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है प्रियंका गांधी का चुनाव अभियान:* ग़ौरतलब है कि, राजनीतिक पटल पर हिमाचल प्रदेश व कर्नाटका में प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी अभियान की हवा निकालने में राजनीतिक लोग प्रियंका गांधी की भूमिका को महत्वपूर्ण मान रहे हैं। हिमाचल में उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमले किए बगैर स्थानीय मुद्दों को उठाकर प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार की हवा निकाली थी और कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। कर्नाटका में जब प्रधानमंत्री हर भाषण में कांग्रेस पर हमला बोल रहे थे, उस समय प्रियंका गांधी के इकलौते भाषण ने प्रधानमंत्री मोदी के पूरे चुनाव अभियान की हवा निकाल दी थी। कर्नाटका में कांग्रेस की जीत में इस चुनावी मोड़ को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान की आलोकप्रियता के चलते एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर मध्य प्रदेश का ज़िम्मा दिया है। इस लिहाज़ से प्रियंका गांधी का चुनाव अभियान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।