
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: कस्बे और आसपास इन दिनों कटखने बंदरों का आतंक चरम पर है। डेढ़ महीने के अंदर अब तक लगभग 90 से अधिक लोगों को काट कर घायल कर चुके हैं, जिससे क्षेत्र में बंदरों का आतंक चरम पर है। बंदरों से लोगों को काटने की घटनाएं देखे तो महराजगंज के वार्ड संख्या दो शांति नगर की रहने वाली गीता चौरसिया (28) को बंदरों ने उस समय घेर कर काट लिया, जबकि वह मंदिर से पूजा करके घर वापस लौट रही थी।
आपको बता दें कि, गीता चौरसिया ने बताया कि, 4 दिन पहले दानेश्वर मंदिर पर पूजा कर रही कस्बे की 5 महिलाओं को बंदरों ने हमला करके मांस नोच लिया। यह सभी महिलाएं पूजन करके वापस घर लौट रही थी।
इनके अलावा कटखने बंदरों ने सरोज सिंह (62) मोन, रनान्वी, दिलीप (15), अरशद (15), मनजीत (22), अभिजीत (6) आदि को बंदर काट चुके हैं, और इन सब को सीएचसी में जाकर रैबीज के इंजेक्शन लगवाने पड़े।
वहीं दूसरी ओर सीएचसी के अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने स्वीकार किया है कि, वास्तव में बंदरों और कुत्तों से लोगों को काटने की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, और 1 सप्ताह के भीतर 13 जुलाई से अब तक 30 लोगों को बंदरों के काटने से रेबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं।
झुंड के झुंड निकलने वाले इन बंदरों का भरोसा नहीं रहता कि, कब किसको दौड़ाकर घेर लें, और काट कर घायल कर दें। सबसे बड़ी समस्या इस बात की है कि, वन विभाग और जिला प्रशासन इन झुंड के झुंड बंदरों को पकड़वाने का कोई इंतजाम नहीं किया है इससे आए दिन बंदरों से लोगों को काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
क्षेत्र के रहने वाले सभासद जमुना प्रसाद, पूर्व सभासद विजय धीमान, सपा नेता सुधीर साहू, r.s.s. के रमेश अवस्थी, बल्ला के रहने वाले रामेंद्र अवस्थी, चंद्रपाल यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र श्रीवास्तव आदि ने जिला प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि, व्यापक जनहित को देखते हुए बंदरों को पकड़वा कर चिड़ियाघर भेजा जाए, ताकि नागरिकों की जान मुसीबत में ना पड़े।