
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: विद्युत विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी निर्बाध बिजली देने का दावा विफल साबित हो रहा है। हालांकि कई अधिकारी और कर्मचारी बदहाल विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जी जान से जुटे हैं। ऐसी समस्या चंदापुर फिडर पर शनिवार की रात अचानक बिजली गुल हो जाने पर देखने को मिली। क्षेत्रीय अवर अभियंता दीपक कुमार ने जी-जान से विद्युत आपूर्ति बहाल कराने के लिए फाल्ट ढूंढना शुरू किया और दर्जनों विद्युत कर्मियों के साथ उन्होंने चंदापुर से लेकर बछरावां 33 केवी पावर स्टेशन तक पेट्रोलिंग कर डाली, फिर जाकर पता चला कि, थुलेडी के पास फाल्ट मिला, और वहां फाल्ट होने के बावजूद बछरावां उप केंद्र पर तैनात कर्मचारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। जब दीपक कुमार और उनकी टीम ने बछरावां जाकर फाल्ट ढूंढा, तब जाकर विद्युत उपकेंद्र बछरावां के अधिकारियों की नींद टूटी, तथा त्रुटि को ठीक कर फिर से बिजली आपूर्ति बहाल की गई। इस प्रकार लगभग 4 घंटे बिजली गुल रहने से पूरे इलाके में घनघोर अंधेरा छाया रहा और ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आपको बता दें कि, अचानक लगभग 8 बजे बिजली गुल हो गई, जिससे मऊ, डेपार मऊ, मुरैनी, ताजुद्दीनपुर, सिकंदरपुर, मोती गंज, पूरे अहलादी, कुसमहुरा, मोन, कैर, ज्योना आदि गांव में अंधेरा छा गया। लोग गर्मी के मारे घरों से निकलकर बाहर आकर हाथ से पंखा झलने लगे। वहीं वृद्धों और बच्चों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। लोग चंदापुर फीडर पर फोन घनघनाते रहे, पता चला की लाइन में कहीं फाल्ट आ गई है।
विद्युत गुल हो जाने से लगभग 50,000 की आबादी और 3,000 विद्युत उपभोक्ताओं को इस उमस भरी गर्मी में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
जेई दीपक कुमार ने बताया कि, चंदापुर से बछरावां तक पेट्रोलिंग करने के बाद फाल्ट थुलेंडी के पास मिला। जिसे तकनीकी कर्मचारियों चंद्रभान, अनिल, प्रवेश tg2, हरीश चंद्र मौर्य, शैलेंद्र, राहुल, विमलेश, बच्चन, रामसुख, विजय एवं दीपक की कड़ी मेहनत के बाद ठीक करके रात 12:00 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है।