
रजनीकांता अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: महराजगंज क्षेत्र के मोन गांव स्थित महर्षि बाबा ओरीदास की तपोस्थली स्थल पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित दिनेश चंद्र शास्त्री महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया।
आपको बता दें कि, कथा व्यास पंडित दिनेश चंद्र शास्त्री ने विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा की गई विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया।
इस दौरान उनके द्वारा गाए गए भजनों ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। शास्त्री जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है।
लोगों ने रातभर इस संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा।
इस मौके पर बृजेंद्र सिंह उर्फ बुल्लू सिंह, शारदा शरण पांडे, डॉक्टर एमडी पासी, शैलेंद्र प्रताप उर्फ राहुल साहू, मनोहर बाबा, अनूप तिवारी उर्फ जीतू, झब्बू दास, नीलू सेठ, तेज मौर्य, मोहन मौर्य आदि मौजूद रहे।