
रजनीकांत अवस्थी
रायबरेली: मातृभूमि सेवा मिशन रायबरेली इकाई द्वारा संचालित निशुल्क योग शिविर में मुख्य अतिथि के द्वारा पौधारोपण एवं 400 फलदार पौधों का वितरण कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं बहनों के द्वारा टीका लगाकर भव्य स्वागत किया गया। योग के उपरांत योग कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को मुख्य अतिथि के द्वारा फलदार पौधे वितरित किए गए।
आपको बता दें कि, वन महोत्सव के दिन सरकार द्वारा लाखों वृक्ष लगाए जाते हैं इसके पीछे का सिर्फ एक ही उद्देश्य है अधिक से अधिक पेड़ हर रोज लगाना और लोगों में जागरूकता फैलाना कि वह भी अपने आसपास पेड़ लगाए जहां हर एक पेड़ काटा गया वहां 10 पौधे अवश्य लगाने होंगे, हम इस तरह से अपने प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट नहीं कर सकते हैं वृक्षारोपण करने के बाद उसकी देखभाल बहुत जरूरी है जैसे किसी नवजात शिशु की देखरेख होती है वैसे ही हम सभी को पौधों की रक्षा करनी चाहिए मातृभूमि सेवा मिशन इकाई रायबरेली संस्था के कार्यों की खूब सराहना किया और भविष्य के लिए संस्था खूब प्रगति करें एवं मंगल शुभकामनाएं दिया। उक्त बातें मातृभूमि सेवा मिशन इकाई रायबरेली के तत्वधान में नि:शुल्क योग, वृक्षारोपण एवं 400 फलदार वृक्षों के वितरण के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उप वन विभागीय मयंक अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किए।
मातृभूमि सेवा मिशन के संयोजक प्रदीप पांडेय ने बताया प्राचीन समय में मनुष्य का भोजन, वस्त्र, आवास आदि आवश्यकताएं वृक्षों से पूरी होती थी भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों से ही पल्लवित तथा विकसित हुई है वृक्ष मानव का एक तरह से जीवन सहचर है वृक्षों के अभाव में ना तो सरोवर जल से आपूरित रहती हैं और ना ही समय से वर्षा होती हैं।
संस्था का उद्देश्य-स्वास्थ्य, सुविधा और सम्मान संस्था के संयोजक प्रदीप पांडेय के द्वारा मुख्य अतिथि को संस्था का स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया, एवं मातृशक्तियों के द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि, बढ़ती जनसंख्या और आधुनिकीकरण का सीधा प्रभाव हमारे वनों पर पड़ा है जिसके चलते वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है भारत में अब सिर्फ 20 प्रतिशत वन बाकी रहे वनों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए वन महोत्सव देश में मनाया जाता है वन महोत्सव को राष्ट्रीय त्योहार घोषित किया गया है इस महोत्सव की शुरुआत 1950 में भारत के केंद्रीय मंत्री श्री कन्हैयालाल मुंशी ने की थी पेड़ों का त्यौहार वन महोत्सव प्रत्येक वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है।
कार्यक्रम संचालक योग प्रशिक्षक बृजमोहन ने नि:शुल्क योग एवं वन महोत्सव के कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक प्रारंभ एवं संपन्न किया कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों के साथ एवं राष्ट्रगान के साथ समाप्त हुआ कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे बच्चे, युवा, मातृशक्ति ,वृद्ध हर वर्ग के लोग भारतीय संस्कृति एवं देशभक्ति से ओतप्रोत थे।
कार्यक्रम में उपस्थित आध्यात्मिक साधक विजय सिंह बघेल, पिंकू सिंह, राजन सिंह, बृजेश सिंह, सूरज सिंह, शशिकला सिंह, अंकुश सिंह, सुंदरी साहू, कल्पना यादव, विमला सिंह, विशाल गुप्ता, आशीष गुप्ता, अर्चना गुप्ता, आरती, रामजी, निशा यादव, देव अग्रहरि, अंकित, राज अग्रहरि, गिरीश कुमार, राहुल, मंजू, अरुण, अतुल पांडेय, सोनू, शिवांग आदि लोग मौजूद रहे।