
रजनीकांत अवस्थी
रायबरेली: राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रशिक्षकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। एएनएम सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी शामिल हुए।
आपको बता दें कि, जिला मलेरिया अधिकारी भीखुल्लाह ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि, जनपद में 10 अगस्त से फाइलेरिया से बचाव के सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू हो रहा है जिसके तहत आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल (आईडीए) दवा खिलाई जाएगी। इस क्रम में सभी ब्लॉक समय से माइक्रोप्लान बनाएं और माइक्रोप्लान 10 जुलाई तक जिले पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि, ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर का प्रशिक्षण सात से 17 जुलाई के मध्य अवश्य पूरा करा दिया जाए। इसके साथ ही जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि, 17 जुलाई से शुरू हो रहे दस्तक अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर भ्रम कर फॅमिली सर्वे करेंगी और फाइलेरिया रोगियों की लाइन लिस्टिंग करेंगी। आप सभी लोग इस बात को सुनिश्चित करें कि इस काम को आशा बहुत सावधानी से करे जिससे कि कोई भी फाइलेरिया रोगी छूट न जाए।
उन्होंने कहा कि, फाइलेरिया मच्छरजनित रोग है। जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न हों, इसके लिए जागरूक करें।
इस मौके पर पाथ संस्था की पूजा धुले ने कहा कि, फाइलेरिया बीमारी लाइलाज है। एक बार अगर हो गई तो ठीक नहीं होती है केवल इसका प्रबंधन ही किया जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव की दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है। एक से दो साल की आयु के बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जायेगी। खाली पेट किसी को भी दवा का सेवन नहीं करना है।
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकार अंजली सिंह, जिला मलेरिया इकाई के सदस्य, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्साधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सहित कुल 82 प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।