
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: सीएचसी परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जबकि परिसर के अंदर बनवाए गए सार्वजनिक शौचालय में एक नशेड़ी ने अंदर से कमरा बंद कर नशे का इंजेक्शन लगा लिया और वह बेहोश पड़ा रहा। जब दो ढाई घंटे तक वह बाहर नहीं निकला तो शौचालय का काम देख रहे कर्मचारी ने इसकी सूचना सीएचसी में तैनात डॉक्टरों को दी। अस्पताल से आनन-फानन कोतवाली पुलिस को फोन कर सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजे को किसी तरह खुलवाया तो नशे की हालत में युवक पड़ा मिला। उसे बाहर निकाला गया। डॉक्टरों के प्रयास से उसे होश आया तो उसने अपना नाम पता बताया। इस पर पुलिस ने उसे उसके परिजनों को बुलाकर उनके हवाले कर दिया और हिदायत दी कि, आइंदा वह नशाखोरी नहीं करेगा।
आपको बता दें कि, मिली जानकारी के मुताबिक भदिहा मजरे डोमा पुर का रहने वाला धर्मराज (28) पुत्र राम बहादुर दिल्ली में नौकरी करता था और वह दिल्ली से आज सुबह जब लौटा तो अस्पताल के आसपास बनी दवा की दुकानों से इंजेक्शन खरीदा और शौचालय में पहुंच गया। जहां उसने अपना सामान बाहर रखकर शौचालय के एक कमरे में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर इंजेक्शन लगा लिया। इंजेक्शन का असर होते ही वह बेहोश उसी में पढ़ा रहा।
शौचालय पर तैनात कर्मचारी राम अवतार के ढाई घंटे बाद दरवाजा खटखटा कर खोलवाने का प्रयास किया, लेकिन काफी खटखटाने के बाद दरवाजा नहीं खुला तो किसी अनहोनी की आशंका के तहत उसने सूचना अस्पताल में तैनात डॉक्टरों को दी।
डॉक्टरों ने फौरन पुलिस को सूचना दे दी। इस पर कोतवाली महराजगंज से पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह दरवाजा खुलवाया तो देखा अंदर धर्मराज बेहोशी की हालत में पड़ा है। उसे बाहर निकलवा कर पानी की खींटे डलवाई गई, तब जाकर उसको होश आया।
उसने बताया कि, इंजेक्शन लगाने की वजह से वह बेहोश हो गया था। पुलिस ने उसके पिता राम बहादुर और भाई को बुलवाकर धर्मराज को हवाले कर दिया। घटना से सीएससी में हड़कंप मच गया था।
कोतवाल श्याम कुमार पाल का कहना है कि, मामले की सूचना पर पुलिस भेजी गई थी। कोई तहरीर नहीं मिली है अगर किसी प्रकार की तहरीर मिलती है तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।