
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जन कल्याण में पारदर्शिता बरत कर अधिक से अधिक पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। लेकिन भूतल पर यह कार्य नहीं हो पा रहा है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मनमानी से काम कर रहे हैं। जबकि पात्र व्यक्ति योजनाओं का लाभ लेने के लिए साल दर साल भटक रहे हैं। जिससे सरकार की बदनामी हो रही है। ऐसा एक उदाहरण महराजगंज क्षेत्र के मोन गांव की रहने वाली मेराज बानो के मामले में देखने को मिला। जबकि उनके पति अनवर अली की मृत्यु के पश्चात 2 साल से राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का लाभ लेने के लिए महिला ने आवेदन किया, किन्तु अधिकारियों द्वारा लगातार उसे भ्रमित कर टहलाया जा रहा है और इस योजना का लाभ महिला को आज तक नहीं मिला है। महिला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उसके मामले में दखल देने और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का फायदा दिलाने के लिए याचना की गई है।
आपको बता दें कि, आमजन को सुलभता से जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद समाज कल्याण विभाग के निरंकुश अधिकारी एवं कर्मचारियों की संवेदनहीन कार्यशैली के चलते पात्र लाभर्थियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। ऐसे मामले समाज कल्याण विभाग के अभिलेखों/आख्याओं में कहीं दब से जाते है। विकास खंड क्षेत्र महराजगंज के मोन गांव की रहने वाली मेराज बानों के पति अनवर अली की मृत्यु हृदयाघात से लगभग दो वर्ष पहले हो गई थी, जिसके उपरांत उन्होंने सरकारी योजना के अन्तर्गत मिलने वाले राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का आवेदन 29 अगस्त 2021 को किया था। फलस्वरूप आज तक पीड़ित विधवा महिला अपनें अधिकार से वंचित है।
उम्मीद की आस लगाए महिला मेराज बानों ने प्रशासनिक तंत्र से अपने हक की गुहार आनलाईन पोर्टल के माध्यम से लगाई है। जिसमें बजट का आश्वासन देकर प्रकरण निस्तारित है और विधवा लाभ से वंचित है, तो आखिर दोषी कौन है ???