
शिवाकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: क्षेत्र की सबसे बदहाल कहीं जाने वाली सड़क महराजगंज इन्हौना मार्ग को लेकर अब जनता में उबाल आना शुरू हो गया है। जनप्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों के सामने दर्जनों बार गुहार लगाकर जनता थक गई है। लोगों को महज अधिकारियों जनप्रतिनिधियों द्वारा कोरा आश्वासन ही मिला है। इससे अब लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है।
आपको बता दें कि, इसी क्रम में क्षेत्र के गांव महाबल गंज मजरे सिकंदरपुर के रहने वाले जाने-माने समाजसेवी रामकेवल बाबा अनशन कारी ने एक पत्रकार वार्ता बुलाकर घोषणा की है कि, इस मार्ग की बदहाली को दूर करने के लिए यदि विभाग के सक्षम अधिकारियों ने 1 हफ्ते के भीतर कोई ठोस पहल नहीं की तो वह हो सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन और विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों की होगी।
इसके अलावा उन्होंने मूंग ताल झील में प्रतिवर्ष आने वाली जलभराव की समस्या को भी लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है। यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाबा अनशनकारी ने कहा कि, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में गहरी आस्था रखते हैं, उन्हें बापू के सत्य और अहिंसा पर पूरा भरोसा रहा है। इसी पर विश्वास करके उन्होंने जीवन में जनता के अधिकारों के लिए कई बार संघर्ष किया है, और मिले जन सहयोग के आधार पर उन्होंने बड़ी-बड़ी लड़ाइयां जीती है।
उन्होंने महराजगंज से इन्हौना जाने वाली 17.01 किमी सड़क की बदहाल व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि, कई वर्षों से वह यह है देख रहे हैं कि, बरसात के दिनों की बात तो दूर, साफ मौसम में भी इस सड़क पर चलना दुश्वार रहता है। उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि, इस जिले में एक से एक विधायक और एमएलसी सांसद तक जो इस सड़क से आए गए हैं। जनता ने जब जब समस्या उठाई तो इन नेताओं ने महज कोरा आश्वासन देकर जनता को बहुत मूर्ख बनाया है।
उन्होंने कहा कि, हमेशा वह सुनते आए हैं कि, सड़क का एस्टीमेट बन गया है, पास होने लखनऊ गया है, सड़क जल्दी ही बन जाएगी, लेकिन हकीकत में होता कुछ नहीं है, कई बार तो नेताओं के इशारों पर विभागीय अधिकारियों ने दो चार जगह गड्ढों में ईंटे कुटवा कर फर्जी वाहवाही लूट ली। स्थिति ज्यों की त्यों पड़ी है। लेकिन इस बार वह जनता के लिए आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, 1 सप्ताह के भीतर विभागीय अधिकारी मौके पर आकर कोई ठोस कार्यवाही या प्रमाणित कार्य योजना जनता के समक्ष प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो वह अपने समर्थकों के साथ इस रोड के पुनर्निर्माण के लिए आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
इसी क्रम में उन्होंने मऊ क्षेत्र के किसानों की बड़ी समस्या की ओर भी शासन का ध्यान दिलाते हुए बताया कि, मूंग ताल झील और उसके आसपास की भूमि जल मग्न रहती है। बरसात होने पर पूरा क्षेत्र पानी से लबालब हो जाता है। जल निकास प्रबंधन की चिंता आज तक किसी भी सरकार ने नहीं की। फलस्वरूप किसान के धान की फसलें डूबी रहती हैं। इस समय धान कटाई का सीजन है। किसान पानी भरे खेतों में जाकर धान की फसल काट रहे हैं। यह स्थिति बहुत ही कष्टप्रद है।
उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि, मूंग ताल क्षेत्र के जल निकासी के लिए कार्य योजना बनाकर शासन को भेजें, ताकि इस समस्या से भी किसानों को राहत मिल सके।