
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: बरसात बंद होने के बाद धीरे-धीरे नैय्या नाले का पानी घटना शुरू हो गया है, बावजूद इसके सुखलिया गांव में एक नाव और बढ़ा दी गई है। दोनों नावो से लोगों के आवागमन का काम जारी है। साथ ही प्रशासन ने पानी ना बढ़ने से राहत की सांस ली है, और क्षेत्र में बाढ़ की वजह से हुए नुकसान तथा घर गिरी की घटनाओं का आकलन कर राहत कार्य वितरण करना शुरू कर दिया है। उधर क्षेत्र में घर गिरी की घटनाओं को लेकर नेताओं की भी सक्रियता बढ़ गई है। प्रशासन ने अब तक कराए गए सर्वेक्षण में तहसील क्षेत्र में 230 घरों के गिरने का ब्योरा पेश करते हुए ₹2,34000 की आर्थिक सहायता वितरित करने का दावा किया है।
आपको बता दें कि, बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुखलिया गांव में लोगों को राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से एक की बजाए दूसरी नाव भी गांव लाकर चला दी गई है। एसडीएम सविता यादव की देखरेख में राजस्व कर्मियों की टीम जिसका नेतृत्व क्षेत्रीय कानूनगो श्रीकांत पांडेय और क्षेत्रीय लेखपाल राजीव मिश्रा कर रहे हैं, उनकी तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा गांव में कोई भी भूखा न होने पाए इसके लिए कानूनगो को पूरी जिम्मेदारी दी गई है कि, वह ग्राम प्रधान और कोटेदार की मदद से व्यवस्था पर पूरी नजर रखें, और जरूरतमंदों की मदद करें।
इसके बाद प्रशासन ने तहसील क्षेत्र के गांव का व्यापक सर्वेक्षण कराकर घर गिरी की घटनाओं पर सूचना संकलित कर लिया है। तहसीलदार कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक क्षेत्र में विगत 1 सप्ताह के दौरान 230 कच्चे मकानों के गिरने की सूचना मिली है। जांच कार्य में 71 लोगों को 3200 रुपए प्रति परिवार के हिसाब से नगद आर्थिक सहायता वितरित की जा चुकी है।
इसके अलावा मऊ के पूरे अहलादी गांव निवासी टिलई पुत्र सन्तू लोध को बकरी मर जाने की घटना के बाद ₹3000 तथा बावन बुजुर्ग बल्ला गांव के रहने वाली दयावती पत्नी प्रेम लाल को घर गृहस्ती का सामान नष्ट होने पर 38 सौ रुपए प्रदान किए गए हैं।
एसडीएम सविता यादव का कहना है कि, जांच में मिली रिपोर्टों के अनुसार सभी पीड़ित लोगों को नियमानुसार सरकारी आर्थिक मदद दी जाएगी, किसी भी पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता से वंचित नहीं रखा जाएगा।