
रजनीकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: खनन की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले महराजगंज तहसील क्षेत्र के आवेदकों के साथ एक बड़ी समस्या सामने आ रही है। जबकि माइन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन डालने पर महराजगंज तहसील के गांव प्रदर्शित ही नहीं हो रहे हैं, बल्कि यहां के गांव जनपद महराजगंज में प्रदर्शित हो रहे हैं। जिससे आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। उल्टे ऑनलाइन आवेदन करने वालों के पैसे भी खर्च हो जा रहे हैं। शिकायत करने पर माइन पोर्टल संचालकों द्वारा टके का जवाब दिया जा रहा है कि, इसके लिए वह खनन निदेशालय उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क करें।
आपको बता दें कि, तहसील क्षेत्र के 1 गांव के रहने वाले किसान शैलेंद्र सिंह उर्फ सिंपल ने बताया कि, उन्होंने अपने निजी कार्य के लिए मिट्टी के खनन का ऑनलाइन आवेदन माइन पोर्टल पर डाला था, जो ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। क्योंकि महराजगंज तहसील के गांवों का पोर्टल पर कंप्यूटर ऑनलाइन प्रदर्शित ही नही कर रहा है, जबकि महराजगंज के गांव जनपद महराजगंज में दिखाए जा रहे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि, रायबरेली जिले की अन्य तहसीलों जैसे सलोन, सदर, डलमऊ आदि रायबरेली में ही दर्शाए जा रहे हैं।
सुने-किसान शैलेंद्र सिंह मोन और राहुल श्रीवास्तव खनन रायबरेली से बातचीत का ऑडियो।
शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि, उसने जब पोर्टल संचालकों से बात की, तो पोर्टल संचालकों ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि, यह जो भी त्रुटि है, वह प्रदेश स्तर से है, इसके लिए उन्हें खनन निदेशालय जाकर शिकायत करनी चाहिए, यह उनके अस्तर का मामला नहीं है।
उधर शिकायतकर्ता का यही कहना है कि, ऑनलाइन प्रोसेस में उसके ₹2000 अब तक खर्च हो चुके हैं, और बगैर खनन की अनुमति के उसके सारे कार्य बंद पड़े हुए हैं। मामले में शिकायतकर्ता ने उच्चाधिकारियों से संज्ञान लेकर उसकी समस्या का समाधान कराने की मांग की है।